KUCH NAGAME
Friday, March 5, 2010
darde dil
रातो बिना सूरज क़ि इबादत कैसे होगी....
दुश्मनों बिना दोस्तों क़ि इनायत कैसे होगी.......
अच्छा हुआ जो वक़्त ने चेता दिया .........
वरना मीठी चुभन के बाद दर्द क़ि इजाजत कैसे होगी ............
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