अल्फाज़ नहीं मेरे अश्क कहेंगे
बीती बाते हर वक़्त कहेंगे
छु कर दामन मेरे दिल का
सब तेरे दिल को सख्त कहेंगे
अगर रो दूं मैं तेरी यादो में खो कर
सब जख्म-ऐ-मलहम वक़्त कहेंगे
हंस लू अगर मैं भुला कर तुझको
लोग मुझे अपशब्द कहेंगे
मेरे दिल क़ि विपदा अब ज्यादा
क्या इसी को साँसे जप्त कहेंगे
अल्फाज़ नहीं मेरे अश्क कहेंगे
बीती बाते हर वक़्त कहेंगे ...
अमेय
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