KUCH NAGAME
Sunday, February 21, 2010
KUCH NAGME
तेरे बिन कहे तेरी आँखे पढ़ ली मैंने
बिना इजाजत तेरी साँसे मुट्ठी में भर ली मैंने
तेरा साथ पाकर हमने
एक और जिंदगी जी ली मैंने
२
होश में मदहोशी का है जमाना
तेरी आँखे है की शराब का पैमाना
दो घूंट हमने भी मार ली इसकी
अब तेरे प्यार का भर रहे है हर्जाना
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